देश का सबसे बड़ा IT हब अब पानी की किल्लत का सामना कर रहा है। हालत यह हो चुके हैं कि अब नहाने और खाना बनाने के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं। ताकि पानी को ज्यादा वेस्ट न किया जाए।
बेंगलुरु के लोग अब बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। यह हालात इस समय पैदा हुए हैं, जब गर्मी का तो सिर्फ आगमन है। अगर कोई हल नहीं निकाला गया तो आने वाले महीने बेंगलुरु के लिए ओर अधिक खतरनाक साबित हो सकते हैं।
Bengaluru Water Crisis
सरकार ने पानी की किल्लत को देखते हुए लोगों को एक महीने में पाँच बार नहाने और अन्य कामों के लिए रिसाइकलिंग पानी का यूज करने की हिदायत दी है। वाहनों को धोने, पौधों को पानी डालने और किसी भी अन्य तरीके से पानी की बर्बादी के लिए सरकार ने जुर्माने की घोषणा की है।
बेंगुलुरु के लोगों के लिए पानी की समस्या पहली बार नहीं आई है। लेकिन इस बार इसने विकराल रूप धारण कर लिया है। बेंगलुरु को मुख्य रूप से पानी की सप्लाई दो स्रोतों से मिलती है, एक कावेरी नदी और दूसरा भूजल। पिछले कुछ समय से बारिश नहीं होने के कारण कावेरी नदी में पानी की कमी आई है। वहीं लगातार भूजल के उपयोग से पानी गहराई में चला गया है।
बेंगलुरु को प्रतिदिन 260-280 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता होती है। परंतु वर्तमान समय में इसे इसकी आधी मात्रा की सप्लाई हो रही है। इसकी वजह से शहर के लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सबसे अधिक समस्या शहर के अस्पतालों में हुई है, जहां आवश्यकता का केवल आधा पानी पहुँच रहा है।
बेंगुलुरु IT का एक बड़ा केंद्र है। यहाँ बाहर के लोग आकर अपना बिजनेस और नौकरी करते हैं। यह लोग भी पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। इसलिए वे पानी के उपयोग को कम करने के लिए घर से काम करने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा इस महीने यहाँ IPL के क्रिकेट मैच भी होने हैं, जिनको लेकर भी संशय बना हुआ है।